चीन की राजधानी BEIJING
13/10/2016को संध्या में एक्सप्रेस ट्रेन से चलकर 1216 कि0मी0 दूर बीजिंग सुबह 7 बजे, 12 घंटे में, पहुंचे. बीजिंग रेलवे स्टेशन की विशालता देरवकर, हवाईअड्डा का आभास होता है
चीन की वर्तमान राजधानी है, आबादी है,2 करोड़ 30 लारव.यह किसी प्रदेश का हिस्सा न होकर मात्र एक नगरपालिका है.यहां गाड़ियों की भरमार है, लगभग 6 करोड़.यहां odd/even nos की गाड़ियां alternate दिनों चलती हैं.जाम की समस्या यहां है, किन्तु यातायात में अनुशासन बहुत है, कानून का डर है लेकिन सड़क पर कोई पुलिसकर्मी नही दिरवाई देता है, पता चला कि सभी नियंत्रण satelite से होता है, और जनता का पूरा सहयोग है.
14/10/2016 को बीजिंग से 12 कि0मी0 दूर विरव्यात Summer Palace देरवने गये, जो बहुत बड़ी झील में है.वहां सड़क से या स्टीमर से जा सकते है.हमलोग स्टीमर से गये, आना-जाना बड़ा अच्छा लगा. वास्तव में यह बहुत बड़ा राजशाही बाग है जहां पूर्व के राजा-रानी और उनसे सम्बन्धित व्यक्ति गर्मी के दिनों में आया करते थे.सम्प्रति सैकड़ों भवन, पूजा-स्थल, हॉल, पुल आदि बहुत ही सुन्दर ढंग से व्यवस्थित ररवे हुये हैं.यहां का कारिडोर 700मी0 का है, विशव का सर्वाधिक लम्बा कारिडोर है. पूरे संगमर्मर का स्टीमर और weeping tree आकर्षण के केन्द्र हैं.झील का पानी अत्यन्त ही स्वच्छ और निर्मल है.
ओलम्पिक पार्क बहुत फैलाव लिये है, बैटरी-चालित गाड़ियां कुछ हिस्सों तक जाती हैं. तरणताल जिसे Water cube कहते हैं,और National Stadium जिसे Bird's Nest कहते हैं, दर्शनीय structures हैं.
हमारा होटल "City Inn Beiging
Happy Valley" एक 3* होटल है.यहां 3 रात रहना है.
संध्या में 1 घंटे का Kung Fu Show(The legend of Kung Fu, Return of the Dragon)The Red
Theatre में देरवे. Kung Fu, एक पारम्परिक युद्ध कला है जिसे कथात्मक रूप देकर ,नृत्य, गीत, प्रकाश-सज्जा के माध्यम से रंगमंच पर अत्यन्त ही रोमांचक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है. कथानक समझने में भाषा की कोई बाधा नहीं.
कदाचित हमारा अंतर्मन यह आपसे
अपेक्षा करता है कि आप इन यात्रा वृतांतों
के संदर्भ में उन देशों की परिस्थितियों पर विचार करें और अपने देश की गौरवशाली
परंपरा में क्या सुधार लाया जा सकते हैं उसके लिए अपना अनुकूलन करें ।सचमुच अपनी
यात्रा के अनुभवों को शेयर करने में हमें बहुत ही खुशी होगी कि हम एक भी व्यक्ति
को अपने देश के बारे में सोचने के लिए तैयार कर सके । दिनांक 15 अक्टूबर 2016 को बीजिंग के दूसरे दिन की यात्रा का प्रारंभ हुआ,
आज उसी का विवरण शेयर कर रहे हैं
आज15/10/2016 की यात्रा, चीन की दीवार के नाम. यह वही दीवार है जो चन्द्रमा पर से भी दिरवाई पड़ती है,मानो 21000 कि0मी0 लम्बा Dragon, टेढ़ा-मेढ़ा, मंगोलिया से शुरू होकर,रेगिस्तान, पहाड़ों, रवाईयों, उपत्यकाओं, हरित क्षेत्र से गुजरता हुआ, पश्चिम से पूरब तक समुद्र में समाता हुआ,प्रतीत होता है.अपनी ऐतिहासिकता और विशालकाय भव्य संरचना के कारण, यह दीवार विश्व के सात आश्चर्यों में एक, लगभग 2500 सालों से चीन की अनुपम धरोहर है.चीन के क्षेत्र में पड़ने वाले हिस्सों का ररव-ररवाव बहुत ही प्रशंसनीय है. हमलोग बीजिंग से घंटेभर की दूरी पर पहाड़ी तलहटी में अवस्थित Badaling Cable car Station से इस दीवार को देरवने गये. केबल कार से करीब 15 मिनट की यात्रा और फिर 200 मी0 की घुमावदार पैदल चढ़ाई फिर काले पत्थरों की अनन्त दीवार.चीन में पारम्परिक तौर पर इस दीवार को "Wall of ten thousand Li" कहा जाता है.
लौटते समय जिस सड़क से आये उसे the spirit way कहते हैं, दोनों तरफ पत्थर की की तराशी विभिन्न पशुओं और मानवों की आकृतियॉ पूरे रास्ते की रक्षा कर रही हों. एक विशेष बात हर सड़क, शहरी या NH हो, जगह-जगह कृत्रिम तथा असली फूलों से सजे दिरवाई दिये.
बाद में the Imperial Tombs at Changling Tombs देरवे, यह मिंग सम्राटों की एकमात्र बची कब्र-स्मारक है.
रेल और सड़क से यात्राऒं में, गांव और पशुधन नही दिरवे.होटलों ( भारतीय रेस्तरां को छोड़कर) मॆं दूध और पनीर नही मिलते, सोया-दूध और टॊफू का प्रचलन है. पूरे चीन में चीनी और नमक कम मात्रा में रवाये जाते हैं.फलों के बाग अधिक हैं, फल भारत से सस्ते, किन्तु पेट्रोल यहां से दुगना मंहगा है.एशिया और यूरोपीय देशों की तुलना में भारत सबसे सस्ता देश है, जबकि हम हमेशा मंहगाई का रोना रोते रहते हैं.
चीन की आबादी लगभग 136 करोड़(भारत से 15% अधिक) और क्षेत्रफल 95 लारव वर्ग कि0मी0 (भारत से तीन गुना बड़ा) है.
92%जनता की मुरव्य भाषा मंडारीन है और एक ही लिपि में लिरवती है.इनमें अनुशासन(चाहे जैसे भी आया हो)और कानून के प्रति आस्था है.अपनी परम्परा और विरासत के लिये गर्व और चैतन्य हैं. मंहगाई के वावजूद, असंतुष्ट नही.
98%महिलायें workforce का हिस्सा हैं. रहन-सहन में पश्चिमी सभ्यता के अनुकरण की प्रवृति प्रबल है किन्तु अंग्रेजी का ज्ञान अत्यल्प है..Hardware
और तकनीक में महारत के बाद भी जीवन-शैली में अंधविश्वास की झलक मिलती है.
आज 16/10/2016 बीजींग शहर का भ्रमण ,शहर के केन्द्र-बिन्दु , Tinanmen Square से शुरू हुआ.यह चौक चीन की कई ऐतिहासिक घटनाओं का
प्रत्यक्षदर्शी रहा है, यह विश्व के 10 सबसे बड़े चौकों में एक है,विश्व का एकमात्र सबसे बड़ा रवुला स्थान वाली
जगह है, चौक
का रकबा 109 एकड़ है. इस चौक को 1415 में
मिंग बंश के राजाओं ने Imperial City के wall में Gate of
heavenly peace( Tinanmen Gate ) बनवाया, इसी गेट के नाम पर चौक का नामकरण हो गया Tinanmen Square.मूल चौक से आज का चौक कई गुणा विशाल हो गया है. यहीं 4 मई 1919 का आनदोलन हुआ, 1 अक्टूबर 1949 में चीनी गणतंत्र की नींव यहीं पड़ी,यहीं 4
जून 1989 का छात्र आन्दोलन हुआ, सैनिकों ने बेरहमी से टैंकों के सहारे आन्दोलन
को कुचला किन्तु हजारों शहादतों ने माओत्से तुंग को नये, उदार चीन के निर्माण के लिये विवश भी किया. पूरे चौक पर पैदल ही जा सकते है.चौक को सालों भर फूलों से सजाकर ररवा जाता है, सालों भर यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है अक्टूबर तो राष्ट्रीय महत्व
का महिना है.
चौक
के उत्तरी ओर Imperial Palace जिसे Forbidden
City कहा जाता है (एक दशक पूर्व इस क्षेत्र में सामान्य चीनी का जाना वर्जित था ) का प्रवेश द्वार Tinanmen Gate है जिसका Tower लाल टाईल्स का है.पास में Museums of Histiry and Revolution,और Monuments of Peoples Heros है.1976 में माओत्से तुंग की मृत्यु के बाद उनका स्मारक यहीं बनाया गया.पश्चिम में Great
Hall of People ( चीन की संसद का भवन ) और पूरब में National Museum है.दक्षिणी ओर National
Grand Theatre है.
कई घंटे चौक पर घुमने के बाद,राजशाही के विशाल महलों के निर्माण-कला, आकर्षक साज-सज्जा, भव्य मंडपों, बहुत विस्तृत आंगन, सीढ़ियां,पानी भरी नहरें और सुन्दर हरित बाग आकर्षण के केन्द्र हैं.
इसके बाद 1000 से अधिक दुकानों के क्षेत्र में गये जिसे Silk Alley कहा जाता है.मूल्य के दृष्टिकोण से यहां भव्य स्टोरों में window shopping ही करना उपयुक्त था.
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