विभिन्न स्थानों ,देशों की यात्रायें एक विस्तृत फलक देती हैं जिसपर अनेकों रंग और चित्र उकेरे जा सकते हैं.
मैंने अपनी यात्राओं के बारे में विस्तार से लिखने का प्रयास डायरी के रूप में शुरू किया था ,विशेष कर विदेशी यात्राओं का .किन्तु मेरी डायरी के अप्रकाशित रहने के कारण इन यात्रायों में मुझे क्या मिला उस अनुभूति से चाहने के वावजूद भी बहुतों को बंचित रहना पड़ता है .इन यात्रायों से मैंने अपने जीवन में कई रंग भरे फिर आप क्यों नहीं?
मेरी विदेशी यात्रायों की शुरुआत १९८४ में नेपाल की यात्रा से हुई.
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