Wednesday, 31 January 2018

Panoramic China

चीन की व्यावसायिक राजधानी शंघाई
चलिए, हम  चीन की अपनी यात्रा को और आगे बढ़ाते हैं ।आपने हमारे  साथ चीन की पुरानी राजधानी  XIAN की यात्रा की, फिर बीजिंग की, जो आधुनिक चीन की राजधानी है ।
17 अक्टूबर 2016 को हमारी यात्रा बीजिंग से चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई के लिए प्रारंभ हुई ।शंघाई चीन की व्यापारिक राजधानी कही जाती है।
सुबह नाश्ता के बाद, बीजींग से शंघाई (दूरी 1454 कि0मी0) की यात्रा चीन की बुलेट ट्रेन से मात्र 5 घंटे में पूरी हुई, ट्रेन की गति लगभग 300कि0मी0 प्रति घंटा, अधिकतम 365 कि0मी0 भी चल रही थी.
अपराह्न भोजनोपरांत "Rayfont Shanghai Xuhui Hotel" चले गये.
मुंबई और शंघाई का इतिहास लगभग समान है मुंबई 15वीं से सोलहवीं शताब्दी तक मछुआरों के 7 आइलैंड तक फैला हुआ था। उसी प्रकार शंघाई भी 30 से 40 मछुआरों के बस्तियों का एक समूह के रूप में ,लगभग मुंबई के समकालीन ही विकसित हुआ । इन 500 वर्षों में दोनों ही शहर अकल्पनीय विकास कर सके हैं । जैसे मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है उसी प्रकार शंघाई चीन की आर्थिक राजधानी के रुप में विकसित हो गया है । मुंबई का विकास परतंत्रता की अवधि में हुआ है जबकि शंघाई 1942 से 45 के अंतर्गत ही जापानी कब्जे में रहा है , फलत:शंघाई का विकास व्यवस्थित ढंग से संभव हो सका है ।शंघाई अभी विश्व के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले शहरों में गिना जाता है। शंघाई के आकाश छुने वाले  भवन कुछ वर्षों पूर्व तक विश्व के सबसे ऊंचे भवनों में  गिने जाते थे लेकिन खलीफा बुर्ज, दुबई के बनने के बाद   ये skyscrapers अब भी गिने-चुने ऊंचे भवनों में गिने जाते हैं।
शंघाई की आबादी 2 करोड़ 50 लारव है.यह भी किसी प्रदेश का हिस्सा होकर मात्र एक नगरपालिका है.यह चीन की आर्थिक राजधानी मानी जाती है. Huangpu नदी इस शहर के बीचोबीच बहती हुई मुरव्य नदी Yangtse के Delta पर उसमें मिल जाती है.वस्तुतः यह नदी शंघाई की life line है, यह शंघाई को पूर्वीऔर पश्चिमी दो भागों में बांटती है.शाम में इसी पर cruise से नगर-दर्शन के लिये आये. दोनों किनारों पर अवस्थित भवनोंस्मारकों को विभिन्न प्रकार की रोशनियों से सजाया गया है, लगता है जैसे परियों के लोक में पहुंच गये हैं.नदी के एक किनारे विशाल अट्टालिकायें, the Monument Tower of the Peoples Heroes, the Famous Waibaidu Bridge, ,the Huangpu Park है तो दूसरे किनारे पर ORIENT Pearl TV Tower, ,International convention center,Jin Mao Building और Pudong का नया विकसित क्षेत्र है.Cruise के शुरू से चलने और पुन:लौटकर आने में 1 घंटा लगता है, और यह अवधि सचमुच आपको दूसरी दुनिया में पहुंचा देती है.
विश्व के अधिकांश भागों, चीन सहितपत्नी को House Wife कहा जाता है किन्तु ,चीन के शंघाई में पति-पत्नी के चुनाव में पत्नी को upperhand दिया जाता है  स्थानीय परंपरा के अनुसार ,शंघाई में लड़की भावी पति से पूछती है Ma Da Sao, जिसका अर्थ है  क्या तुम shop,wash,cook कर सकते हो ? उत्तर हां होने पर ही बात आगे बढ़ती है।और ठोक-बजाकर, होनेवाले पति से घरेलु सभी कार्य करने के उसके आश्वासन देने के बाद ही लड़की शादी की स्वीकृति देती है.इसलिये शंघाई में पति House Husband कहलाता है (चीन के अन्य प्रान्तों में भी ऐसी प्रथा पसन्द की जाने लगी है).हालाकि कुछ ऐसी प्रथा हमारे देश में ,जहां मातृसत्तात्मक उत्तराधिकार लागू है(उत्तर-पूर्व के कुछ राज्य, केरल के कुछ हिस्सा) में भी है
18अक्टूबर 2016 को हमलोग पुराने शहर में अवस्थित Yu Yuan Gardens गये. इसे एक व्यक्ति ने अपनी मां के लिये  15 वींशताब्दी के बने Town God's Temple के पास बनाया. ईस garden में पैगोडा, ,मंडप, चट्टानों की सजावट, झरने, पुराने बृक्षों और महंगे दुर्लभ फूलों का संयोजन किया गया है. इनके निकट ही गलियों में Yu Yuan Tourist Mart बन गया है जहां चीन के Jade,धागे, अन्य धातु से बने हस्तशिल्प की सजावट, व्यक्तिगत उपभोग  सामग्रियां,रवाने की वस्तुयें कम मूल्य पर मिल जाती हैं. पूरे बाजार के भवन नक्काशीदार लकड़ी से 400 साल पहले बने हैं, किन्तु आज भी चमकते प्रतीत होते हैं.
.दोपहर में Huangpu नदी के उस किनारे, जिसे Bund कहा जाता है के भ्रमण में एक ऐसे जोड़े से भेंट हुई जिसका Premarital photograpy हो रही थी.हमारी चीनी गाईड ने भी प्रथा की सम्पुष्टि की.इसी Bund पर एक नियत स्थान है ,जहां प्रत्येक रविवार को लड़का और लड़की के पिता प्ले कार्ड बनाकर पूरी सूचना के साथ आते हैं और मध्यस्थता के आधार पर जब कुछ बात बन जाती है तब लड़का और लड़की मिलते हैं ।लड़की अपनी शर्तें लड़के  के पास रखती है और जब लड़का इसे स्वीकार करता है तो शादी की बात तय हो जाती है। हमारे बिहार में भी मिथिला के अंतर्गत प्रत्येक  वर्ष एक बार, सौराठ में दूल्हों का बाजार लगता  है, वह कुछ इसी परिपाटी का मिला जुला रूप है
यह Bund, नदी के एक तट पर  करीब 1 मील लम्बा  समतल पक्का-निर्माण है, पुराने शहर के करीब है और सामाजिक गतिविधियों के लिये रवुले मैदान की तरह है, मानो शहर का fulcrum हो.यहां से क्रुज पर रात को देरवे गये दृश्यों का, दिन में पुनरावलोकन किया जाना अच्छा लगता है. यहां दिनभर चहल-पहल रहती है. यहां से मुरव्य बाजार Nanjing Road गये,जो value for money Shopping  के लिये मशहूर है.
अपराह्न में Oriental Pearl  TV Tower, जो विश्व की सर्वाधिक उंची इमारतों में गणना की जाती है, ऊंचाई 468 M  यानि 1535 फीट के 392M पर अवस्थित Observation Desk (कुल 6 desks  हैं) पर गये (इसके उपर पर्यटक नहीं जाते हैं), वहां से पूरे शहर का नजारा वर्णनातीत है.Desks unbreakable glass के हैं और हजारों टन का बोझ सहते हैं.इनके through  नीचे के दृश्य रोमांचक लगते हैं.
शाम में. 2 द्वीपों को जोड़ने वाले 48 Kms के suspension bridgeको देरवे, जिसकी गणना सर्वाधिक लम्बे suspension bridges में की जाती है.
हमारी चीन- यात्रा का अंतिम पड़ाव Kunming  है , यह यूनान प्रांत की राजधानी है और सचमुच में यह चीन के पर्यावरण संरक्षण का अद्भुत प्रदर्श है। इसे अगर फूलों की घाटी का शहर कहा जाए तो यह सर्वथा उपयुक्त कथन होगा। इस शहर से संबंधित जो दूसरी बात महत्वपूर्ण है ,आपने पेड़ों का जंगल सुना भी है और  रोज देखते   भी हैं।  किंतु इस शहर के पासतथ लगभग 300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ पत्थरों का जंगल है जो अभूतपूर्व और पर्यावरण की दृष्टि से आश्चर्यजनक कृति कहा जाएगा।
एक फूलों की घाटी देहरादून से 330 किलोमीटर दूर हिमालय में अवस्थित है जहां केवल फूल ही फूल हैं, किंतु यह तो केवल एक पहाड़ी घाटी है।
 चलिए  फूलों के शहर और पत्थरों के जंगल वाले शहर,की यात्रा की शुरुआत करते हैं-
19अक्टूबर 2016  के सुबह  के नाश्ते के बाद  Longyang station पहुंचे.यहां से Maglev train जो आज की तिथि में चल रहे,विश्व की सबसे तेज (460 कि0मी0 प्रति घंटा ) ट्रेन है, से  Pudong airport जो  34 kms दूर है, मात्र 16 मिनट में पहुंच गये.गाड़ी चलते और रूकते, अधिकतम 460 कि0मी0 की गति दिरवी, और हम पहुंच गये अपने गंतव्य पर. इधर पढ़े हैं कि जापान में Maglev train का 600 कि0मी0 की गति से चलने का सफल परीक्षण हुआ  है.Pudong से 11.45 से चलकर Kunming 16.20  पर पहंचे और होटल, Kunming Haitang Hotel, विश्राम किये.
कुमिंग हवाई अड्डा पर उतरते ही ,जिधर भी आपकी नजर जाती है, जितने भी विज्ञापन-पट(hoardings) दिरवते हैं, हरितिमाच्छादित,फूलों की छटापशु-पक्षियों की क्रीड़ायोंयुक्त और प्रकृति की अनुपम छटा बिरवेरते दिरवते हैं.गाईड ने ठीक कहा था, यह शहर पर्यावरण के संरक्षण और अनुरक्षण के लिये विश्व-प्रसिद्ध है.
20/10/2016 के पूर्वाह्न में, शहर का भ्रमण करने निकले.मध्य भाग में कई गेट बने हैं.इनकी भव्यता तथा सड़कों पर फूलों की साज-सज्जा शहर को रवास पहचान देती है.बड़े ,किन्तु अपेक्षाकृत मंहगे showrooms  की भरमार है.
दोपहर में Flower City देरवने गये.यह वस्तुत: Howard Johnson Flower City Hotel के परिसर के एक भाग में है. यहाँ चारोओर फूल ही फूल हैं ,ऐसा संयोजन मैंने अपने जीवन में पहली बार देरवा.Planatorium की तरह 10 मिनट का show  दिनभर आकाशीय कुसुमों की तरह फूल की varieties और उनका patterns देरवना अद्भुत लगता है.इस होटल में बहुत बड़ा मॉल भी है, जहां कुछ घंटे कैसे गुजर गये, पता नहीं चलता.
आपने Trees के विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े Forests तो बहुत देरवे होंगे, किन्तु Stone Forest की तो मेरी कोई कल्पना भी नहीं थी. कुमिंग से 90 कि0मी0 दूर,  Stone Forest लगभग 500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ, Sandstone Formations का जंगल, कहीं घनाकहीं छिछला, अद्भुत और अनुपम विश्व-विरासत है.इस धरोहर का संरक्षण भी उतना ही विश्मयकारी है. इस जंगल के भ्रमण हेतु कई रवंडों में जगह-जगह सौर-उर्जा चालित गाड़ियां चलती रहती हैं, नहीं तो घुमने में कई दिन लग जांय.Stones formations की आकृतियां ऐसी कि, जो आप देरवना चाहें, वैसी ही लगती हैं.
रात में भीड़ भरे चाइना-बाजार देरवे, ठीक चांदनी चौक की तरह .
20 अक्टूबर 2016 की रात 23.55बजे (भारतीय समय  रात 9.25 )कुमिंग से चलकर कोलकाता रात 2.30 बजे गये.



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